तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की
क्यूँ इतनी लम्बी होती है चाँदनी रात जुदाई की
नींद में कोई अपने-आप से बातें करता रहता है
काल-कुएँ में गूँजती है आवाज़ किसी सौदाई की
सीने में दिल की आहट जैसे कोई जासूस चले
हर साए का पीछा करना आदत है हरजाई की
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